CIBIL SCORE RULE: आज के डिजिटल युग में सिबिल स्कोर (CIBIL Score) का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। यह तीन अंकों का नंबर आपकी वित्तीय साख का प्रतीक बन गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सिबिल स्कोर से संबंधित छह महत्वपूर्ण नियमों की घोषणा की है, जो जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे।
पाक्षिक अपडेट का नया नियम
आरबीआई के पहले नियम के अनुसार, अब हर 15 दिनों में सिबिल स्कोर को अपडेट किया जाएगा। बैंक और वित्तीय संस्थानों को प्रत्येक माह की 15 तारीख और माह के अंत में अपडेट करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर में होने वाले परिवर्तनों की ताजा जानकारी प्रदान करेगी।
सूचना का अधिकार
दूसरा महत्वपूर्ण नियम यह है कि जब कोई बैंक या वित्तीय संस्था किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जांचती है, तो इसकी सूचना संबंधित व्यक्ति को ईमेल या एसएमएस के माध्यम से देनी होगी। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
अस्वीकृति का कारण बताना अनिवार्य
तीसरे नियम के तहत, यदि किसी ग्राहक की ऋण या क्रेडिट कार्ड की आवेदन को अस्वीकार किया जाता है, तो बैंक को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा। यह नियम ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर समझने और सुधारने में मदद करेगा।
वार्षिक निःशुल्क रिपोर्ट
चौथे नियम के अनुसार, क्रेडिट सूचना कंपनियों को वर्ष में एक बार अपने ग्राहकों को निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर विशेष पोर्टल बनाना होगा।
डिफॉल्ट की पूर्व सूचना
पांचवें नियम के तहत, किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले उसे सूचित करना अनिवार्य होगा। साथ ही, बैंकों में क्रेडिट स्कोर संबंधी शिकायतों के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी आवश्यक होगी।
शिकायत निवारण और जुर्माना
छठे और नए नियम के अनुसार, क्रेडिट सूचना कंपनियों को 30 दिनों के भीतर शिकायतों का निपटारा करना होगा। इस अवधि के बाद प्रति दिन 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। बैंकों को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा।
सिबिल स्कोर का महत्व
सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का महत्वपूर्ण मापदंड है। यह आपके ऋण भुगतान इतिहास, क्रेडिट कार्ड उपयोग और अन्य वित्तीय व्यवहारों पर आधारित होता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर आपको बेहतर ऋण दरें और त्वरित ऋण स्वीकृति में मदद करता है।
आरबीआई के ये नए नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये नियम न केवल ग्राहकों को अधिक जानकारी और अधिकार प्रदान करते हैं, बल्कि वित्तीय संस्थानों को भी अधिक जवाबदेह बनाते हैं। अपने सिबिल स्कोर की नियमित निगरानी और सुधार से आप अपने वित्तीय भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।